संदीप देव व अंकुर लाये
“एकम्-सभा” बहुमत पायेगी , हिंदू-जनता आमादा है ;
अब्बासी-हिंदू की पोल खुल चुकी , जो जेहादी ज्यादा है ।
इसी से मंदिर तोड़ा करता , गलियारा बनवाता है ;
मंदिर का धन लूट – लूट कर , जजिया में बंटवाता है ।
बहुत बड़ा षड्यंत्र चल रहा , हिंदू – धर्म मिटाने को ;
अंतर्राष्ट्रीय-अब्राहमिक-माफिया , कन्वर्जन करवाने को ।
इनका दलाल अब्बासी-हिंदू , कन्वर्जन में सहयोगी है ;
गंदी – वासना का पुतला है , बहुत बड़ा ये भोगी है ।
पांच-बार ये कपड़े बदले , दिनभर फोटो खिंचवाता है ;
मजहब के आगे पूँछ हिलाता , हिंदू – धर्म मिटाता है ।
पर अब समझ चुका है हिंदू,मन की बात समझ सकता है ;
“एकम् सनातन भारत” ही अब , हिंदू-धर्म बचा सकता है ।
जो भी हिंदू साथ नहीं है , निहित-स्वार्थ में उलझे हैं ;
वामी,कामी,जिम्मी,सेक्युलर , सारे ही तो जहर बुझे हैं ।
ये केवल मुट्ठी भर ही हैं , पर सत्ता में छाये हैं ;
शिक्षा, मीडिया, राजनीति में , भीतर तक घुस आये हैं ।
इनसे सत्ता छीननी होगी , “एकम्-सभा” को लाना है ;
अच्छी सरकार बनाकर हमको , “राम-राज्य” को पाना है ।
रामराज्य का अर्थ यही है, न्याय का शासन-पूर्ण सुशासन ;
सत्यनिष्ठ ही ला पायेंगे , सर्वश्रेष्ठ कानून का शासन ।
कितनी सीधी सरल बात है , जिसको हिंदू समझ रहा है ;
अब्बासी – हिंदू का जादू , पूरी तरह से टूट रहा है ।
अब्बासी-हिंदू का दिया बुझ रहा,तेल व बाती खत्म हो चुकी
संदीप देव व अंकुर लाये , हिंदू-हित की लहर उठ चुकी ।
अब ये लहर नहीं रुकनी है और सुनामी बन जानी है ;
हिंदू – विरोधी राजनीति जो , कूड़े के ढेर में जानी है ।
बदलाव की आहट आने लगी है , साफ सुनाई देता है ;
मुँह काला होगा जल्दी ही, अब्बासी-हिंदू जितने नेता हैं ।
हिंदू-जनता को पूर्ण भरोसा , “स्वर्ण-युग” आने वाला है ;
काला-अध्याय जो हजार बरस का , डूबके मरने वाला है ।
इसके संग -संग डूब जायेंगी , मजहब की गंदी – घातें ;
“धर्म-सनातन” का सूर्योदय , भाग रही काली – रातें ।
हर-हिंदू तैयार हो रहा , मिलकर करना इसका स्वागत ;
“एकम् सनातन भारत” आया , “महाविष्णु” के शरणागत ।