धन्य – धन्य हैं जैन – मुनि , धन्यवाद है जैन – समाज ;
“पशु-निर्यात विधेयक” रोका , पूरा किया धर्म का काज ।
तीर्थ-स्थल भी बचा रहे हैं, सम्मेद शिखर को खूब बचाया ;
महामूढ़-हिंदू जनता है , जगह – जगह मंदिर गिरवाया ।
म्लेच्छों से मंदिर तुड़वाकर , गंदा – गलियारा बनवाया ;
बाद में हुआ सरकारी-कब्जा , मंदिर का धन जजियाया ।
अंधा – बहरा , लूला – लंगड़ा , हिंदू – संत समाज है ;
नब्बे – प्रतिशत सरकारी – बाबा , सभी विधर्मी काज है ।
ऐसा ही गर हाल रहा तो , हिंदू – समाज मिट जायेगा ;
तेरा नेता अब्बासी – हिंदू , तुझको चट कर जायेगा ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , आगे बढ़कर धर्म बचाओ ;
अच्छे हिंदू – नेता चुनकर , अपना भारतवर्ष बचाओ ।
अच्छे हिंदू नेताओं का दल , “एकम् सनातन भारत” दल ;
एकमात्र हिंदूवादी दल और नहीं है कोई दल ।
सरकारी-हिंदू जो बाबा , जैन – मुनियों से कुछ तो सीखो ;
धर्म में जीना धर्म में मरना , हिंदू ! जैन समाज से सीखो ।
जेहादी से बचना है तो , हमको कट्टर होना होगा ;
हिंदू ! जीवन करो सुरक्षित , अच्छी-सरकार बनाना होगा ।
हिंदू ! तुम आजाद नहीं हो , अब्राहमिक के गुलाम हो ;
भारत की आजादी फर्जी , हिंदू का काम तमाम हो ।
जो भी धर्म से दूर रहेगा , अपना सब – कुछ खो देगा ;
पाखंडी – अब्बासी – हिंदू , उसका सब – कुछ ले लेगा ।
जान-माल-इज्जत जायेगी , जर-जमीन-जोरू न बचेगी ;
मां – बहन – बेटी न बचेगी , गैंगरेप हो करके मरेगी ।
हिंदू ! अब तो शर्म करो , धारण अपना धर्म करो ;
धर्म – सनातन में आकरके , अपना जीवन सफल करो ।
जो भी धर्म में आ जाता है , पूर्ण – सुरक्षा पा जाता है ;
धर्म-विमुख मत होना हिंदू ! धर्म से जीवन बच जाता है ।
शत्रु – बोध को जागृत करके , धर्म हमारी रक्षा करता ;
शत्रु – बोध को भूला हिंदू , इसीलिये कटता रहता ।
शत्रु से दूरी बहुत जरूरी , अपनी पीठ बचानी है ;
अब्बासी – हिंदू की साजिश से , हिंदू-कौम बचानी है ।
प्रथम-वरीयता जीवन-रक्षा , हिंदू ! अपनी जान बचाओ ;
“एकम सनातन भारत” दल की , सर्वश्रेष्ठ-सरकार बनाओ ।