भ्रष्टाचार की सजा मौत हो
जो भी ज्यादा उछल रहा है , बेईमान नेता व अफसर ;
इनकी लिस्ट बनानी होगी , कोई भी न जाये बचकर ।
इनका सारा कच्चा – चिट्ठा , सबके सामने लाना है ;
कोई भी दोषी बच न पाये , सबको सजा दिलाना है ।
कदाचार का ये गंदा-सिलसिला , लगातार चलता आया ;
सभी ने इसमें गोते मारे , अब तक जो सत्ता में आया ।
पर अब तो हद पार हो चुकी , अब्बासी-हिंदू के राज में ;
निश्चय कोई बड़ी खोट है , इसके पूरे – साम्राज्य में ।
पूर्ण-सफाई करनी होगी , अच्छी-सरकार बनानी होगी ;
भ्रष्टाचार की सजा मौत हो , यही व्यवस्था करनी होगी ।
सदियों हमने अन्याय को झेला,अब अब्बासी-हिंदू का खेला ;
पूरी तरह रोकना होगा , देशद्रोह का ये रेला ।
सबसे बड़ी है जिम्मेदारी , भारत की हिंदू-जनता की ;
जो कई तरह से बिखर चुकी है , जो साजिश है सत्ता की ।
हिंदू ! इस साजिश को तोड़ो , जातिवाद को पूरा छोड़ो ;
जाति व्यवस्था पूरी वैज्ञानिक , पर इसकी विकृति को तोड़ो ।
कोई न ऊॅंचा कोई न नीचा , महत्वपूर्ण सारे-हिंदू हैं ;
सभी का सम्मिलित योगदान ही , श्रेष्ठ-व्यवस्था के बिंदु हैं ।
धर्म – व्यवस्था सर्वश्रेष्ठ है , सभी की रक्षा ये करती है ;
पर चरित्रहीन-मक्कार हैं जितने , उनकी जान निकलती है ।
मुफ्तखोर हैं , हरामखोर हैं , अब तो आदमखोर भी लगते ;
अब्बासी-हिंदू जितने नेता हैं , धूल झोंककर सबको ठगते ।
सबसे अधिक ठगा हिंदू को , क्योंकि धर्म से दूर हैं ;
पर उनके आगे पूॅंछ हिलाये , जिनको जन्नत की हूर है ।
बेईमान ये सबसे बड़ा है , अब्बासी-हिंदू भारत का नेता ;
ईमान-धरम न इसका कोई , देश का तो ये खून ही पीता ।
सबका हिस्सा लूट-लूट कर , अपना खजाना भरता है ;
गरीब कर दिया है भारत को , निर्धन तो भूखों मरता है ।
कानून सदा विकृत करते हैं , भ्रष्टाचारी नेता – अफसर ;
इन्हें जेल में ठूॅंसना होगा , नहीं चूकना कोई अवसर ।
सत्यनिष्ठ – वोटर व नेता , इन सबको आह्वान हो ;
अच्छी-सरकार बनानी होगी , जिसमें सबका सम्मान हो ।
संक्रमण-काल आयेगा पहले , मिली-जुली सरकार बनेगी ;
उत्तरोत्तर ये विकसित होकर , धर्मनिष्ठ-सरकार बनेगी ।
“एकम् सनातन भारत” आयेगा , सर्वश्रेष्ठ – शासन होगा ;
इसमें तनिक न करना शंका , भारत में “राम-राज्य” होगा ।