भारत की राष्ट्रीय शर्म यही है
सबसे घृणित अपराध कौन है ? शर्मसार होती मानवता ;
गैंग – रेप करते जेहादी , धर्मांतरण जबरन होता ।
भारत की राष्ट्रीय शर्म यही है , चुप रहता अब्बासी-हिंदू ;
मुख से कोई बोल न फूटे , मूर्ख बन रहा कितना हिंदू ?
सही बात हिंदू न जाने , अब्बासी-हिंदू सच को छिपाता ;
बिका हुआ बहुसंख्यक मीडिया, हिंदू को हरदम भरमाता ।
हिंदू कुछ भी सच न जाने , झूठा इतिहास पढ़ाया जाता ;
धर्मभ्रष्ट हिंदू को करने , गंदा शिक्षण करवाया जाता ।
हिंदू – धर्म मिटा देने का , अब्राहमिक षड़यंत्र है ;
कठपुतली अब्बासी – हिंदू , उनके हाथों का यंत्र है ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , अब तो सही बात को जानो ;
अपना सच्चा-इतिहास जानकर , धर्म-सनातन को मानो ।
धर्म-सनातन तुझे बचाता , शत्रु-बोध जागृत करके ;
शत्रुबोध जो हिंदू भूला , वो ही मरता गला कटाके ।
कब तक यूँ ही मरा करोगे ? अब तो अपनी जान बचाओ ;
शांतिपूर्ण बस मार्ग यही है , बस अच्छी-सरकार बनाओ ।
अब तक जितनी भी सरकारें, सब की सब एकदम घटिया ;
कहीं नहीं है इनसे घटिया , चाहे देखो पूरी दुनिया ।
यहाँ नहीं कानून का शासन , पूरा जंगलराज है ;
अब्बासी – हिंदू उन्हें बढ़ाता , पूरा गुंडाराज है ।
जितने हिंदू महामूर्ख हैं , लोभी और लालची हैं ;
वे ही करें समर्थन उसका , पूरे – पूरे स्वार्थी हैं ।
चरित्रवान जितने भी हिंदू , जो भी शौर्यवान हैं ;
उन पर है दायित्व धर्म का , मत सहना अपमान है ।
हर हालत में धर्म बचाओ , बाकी सब कुछ बच जायेगा ;
राष्ट्र बचेगा , देश बचेगा , भारत वर्ष भी बच जायेगा ।
शांति का मजहब कहने वाला , सबसे बड़ा मक्कार है ;
शत्रुबोध हिंदू का हरता , धर्म का ये गद्दार है ।
सारे दल सत्ता के लोभी , देश की सेवा भूल चुके हैं ;
जातिवाद को बढ़ा-बढा के, हिंदू को कितना बांट चुके हैं ?
हिंदू ! इन सबको ही छोड़ो , धर्म-मार्ग को अपनाओ ;
अब मिटने में देर नहीं है , या अच्छी-सरकार बनाओ ।
हिंदू का सौभाग्य जग रहा , उसका रक्षक सामने आया ;
“धर्म-सनातन” की रक्षा को, “एकम् सनातन भारत” आया।