निंदा में तुम रस लेते हो, इसलिए बुराई बढ़ती जा रही है।
निंदा कोई करे, तो हम तत्काल मान लेते हैं। कोई कहे कि…
ऋषि कहते हैं, मेरी वाणी मेरे मन में ठहर जाए!
जो हम चारों तरफ बोलते रहते हैं, वह धीरे— धीरे हमारा व्यक्तित्व…
जीवन के क्षुद्रतम तथ्य भी अव्याख्य हैं। जब मैं कहता हूं जीवन अतर्क्य है, तब मैं कह रहा हूं कि जीवन अव्याख्य, इनडिफाइनेबल है।
आप उसकी व्याख्या नहीं कर सकते। जी सकते हैं, कह नहीं सकते,…
यह उनका सदा का रूप था। अभी— अभी तो खूब खिल गया था, निखार आ गया था। लेकिन मुझे बचपन से याद है।
जब उनके पास बहुत सुविधा भी नहीं थी तब भी लुटाने में…
श्री अरविंद को किसी ने एक बार पूछा कि आप भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष की आजादी के युद्ध में अग्रणी सेनानी थे; लड़ रहे थे। फिर अचानक आप पलायनवादी कैसे हो गये
श्री अरविंद को किसी ने एक बार पूछा कि आप भारत की…
दादू के चेले तो अनेक थे पर दो ही चेलों का नाम मशहूर है। एक रज्जब और दूसरा सुंदर।
आज आपको सुंदर कि विषय में एक घटना कहता हूं। दादू की…
मुझे निरंतर लोग कहते हैं कि हम यह चाहते हैं-शांति चाहते हैं, आनंद चाहते हैं, आत्मा चाहते हैं।
आप तो सब चाहते हैं, लेकिन चाहने से जगत में कुछ भी…
दूसरी बात है सम्यक श्रम। वह भी जीवन से विच्छिन्न हो गया है, वह भी अलग हो गया है।
श्रम एक लज्जापूर्ण कृत्य हो गया है, वह एक शर्म की बात…
सैकड़ों साल बाद भी अपने महापुरूषों के जीवन से तुमने कुछ नहीं सीखा: ओशो
प्रश्न: भगवान,पड़ोसी देशों द्वारा किए जाने वाले शस्त्र-संग्रह और उसके कारण बढ़…
सारा जगत ओवर फ्लोइंग है, आदमी को छोड़कर। सारा जगत आगे के लिए नहीं जी रहा है, सारा जगत भीतर से जी रहा है।
सारा जगत ओवर फ्लोइंग है, आदमी को छोड़कर। सारा जगत आगे के…
19 जनवरी : ओशो का निर्वाण दिवस! “ओशो: जो न कभी पैदा हुए, न कभी मृत हुए।”
ओशो का भौतिक शरीर 11 दिसंबर 1931 को पैदा हुआ और 19…
नानक गृहस्थ भी हैं, संन्यासी भी- ओशो
नानक ने एक अनूठे धर्म को जन्म दिया है, जिसमें गृहस्थ और…
सेवा धर्म नहीं है,बल्कि धर्म सेवा है: ओशो
मैं नहीं कहता हूं कि सेवा धर्म है। मैं जरूर कहता हूं…
शून्य में जगत की महानतम शक्ति का आविर्भाव होता है!
ओशो - शास्त्रों और संतों का कहना है कि पर-स्त्रीगमन करने से…
जूडो की कला कहती है, मारो मत। जब कोई मारे, तो उसके सहयोगी हो जाओ!
जूडो की कला कहती है, मारो मत। जब कोई मारे, तो उसके…
शिव कहते हैं, उस अस्तित्व को स्वयं में पाकर समाधि का सुख उपलब्ध होता है। OSHO
तुम्हारे भीतर से जब तुम बाहर की तरफ जाते हो तो चीजें…
बुद्ध कहते थे, बरस रहा है अमृत, लेकिन कुछ हैं, जो अपने घड़ों को उलटा रखे बैठे हैं।
जिस दिन घड़ा सीधा होगा, उस दिन अमृत बरसने लगेगा, ऐसा नहीं…
Osho dancing with Ma Vivek and Ma Neelam in Rajneeshpuram, USA,1985
Osho dancing with Ma Vivek and Ma Neelam Rajneeshpuram USA, 1985
श्रद्धा का सूत्र है अज्ञात में छलांग! OSHO
यह सूत्र श्रद्धा का सूत्र है, श्रद्धा का, फेथ का। श्रद्धा का…
मैं तुम्हें यहां मुक्त करने के लिए हूं, न कि कारागार निर्मित करने के लिए: OSHO
अन्तिम प्रश्न:- जब आप शरीर छोड़ देंगे,फिर हमें क्या करना चाहिए? क्या…